Bible kya hai - What is Bible in Hindi?

बाइबल क्या है

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जय मसीह की दोस्तों, भाइयों और बहनो आप सबका masihizindagi परिवार में स्वागत है, हमारा उद्देश्य है, जो आप चाहते है  पाना वो आपको मिल सके,”Bible kya hai in hindi” 

एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक जिसे हम सबको जानने की जरुरत है, क्युकी आधा अधूरा ज्ञान हमारे लिए घातक साबित हो सकता है, क्युकी त्रुटिया तोह संभव है, पर हमारी पूरी कोशिश रहेगी की परमेश्वर का वचन या कलाम जो हमे दिया गया है बाइबिल क रूप में उसे पूरी तरीके से पवित्र आत्मा की सहायता से हम बता सके!

तोह आइये देर किस बात की, जानते है? “बाइबल क्या सिखाती है

बाइबिल दो भागो में बटा हुआ है, पहला है पुराना नियम और दूसरा है नया नियम, इन दोनों नियमो में छियासी किताबे है, और कई अध्याय है, पर यदि हम परमेश्वर के वचन को जानना मांगते है, तोह हमें सारे अध्यायों, बड़ी बखूबी से पड़ना पड़ेगा, इसके लिए सबसे पहले आप दुआ करे खुदावंद से और कहे अपनी पवित्र आत्मा के द्वारा मेरी सहायता कर परमेश्वर के वचन को पढ़ने में,

साथ ही साथ खुदा ने जो सेवक आपके ऊपर ठहराए है उनकी मदद भी ले सकते है|

वैसे तोह किताबे बहुत हुई है, और बहुत से christian denomination में कई तरह की बाते पायी जाती है, पर हमे ज्यादा भटकने की जरुरत नहीं, और नहीं ज्यादा कोशिश करने की जरुरत है सच्चाई की खोज करने के लिए, क्युकी सच्चाई हमारे हाथो में पहले से हे दे दी गयी है, और इससे पहले की आप कुछ खोजे, उससे पहले प्रार्थना करे वोह आपको सारी बाते बतायेगा, की क्या सच है, और ऊपर से आपके पास अगर उत्तर आया है, तोह इससे बड़ा, सच आपको कही से नहीं मिल सकता

Tips For You: कहा से शुरुवात करे बाइबिल को पढ़ना

यदि आप प्रभु में नए हो, और आपको नहीं पता की कहा से हम बाइबिल को पढ़ना स्टार्ट करे, तोह आप शुरुवात नए वचन से कर सकते है, आप सबसे पहले नया नियम की पुस्तक पड़े, जोकी मत्ती से शुरू होता है, इसमें आप येशु के जन्म से लेकर, बहुतेरे कहानियो को जानने पाएंगे, और मुझे विश्वास है, जब आप उसका कलाम पड़ेगे तोह परमेश्वर आपकी जरूर सहायता करेंगे!

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बाइबिल हमे क्या सिखाती है?

1 मत्ती 1:1 में हम पाते है  “यीशु मसीह की पीढ़ी की पुस्तक, दाऊद का पुत्र, अब्राहम का पुत्र”

नए नियम से हमे ये संकेत मिलने लगते है, नया नियम कुछ और बिंदु पर केंद्रित नहीं, पर सिर्फ यीशु मसीह है जिसकी चर्चा हज़ारों साल पहले बड़े भविष्यवक्ताओ के द्वारा हो चुकी, और जिसे संभव होना ही था!

जिस प्रकार से यशायाह की किताब में लिखा है

“ क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। ”

उसका आना तय था, क्युकी संसार पाप से बिलकुल भर चुकी थी, और उसे अपना प्राण देना था, पुराने नियम में ऐसा था की जब लोग पाप करते थे तोह वोह परमेश्वर के मंदिर में याजक को पवित्र जानवर का बलिदान देकर अपने पापो की क्षमा प्राप्त करते थे.

पर इनसे उनके अंदर कोई बदलाव नहीं आता था, वो फिर पाप करते और फिर बलिदान करते, जिससे की  इस फिर पृथ्वी में पाप बड़ गया, चूकी हमारे परमेश्वर ने वादा किया था की नूह के बाद इस पृथ्वी को फिर कभी नाश नहीं करुँगा, इसलिए अपने वायदे के मुताबिक परमेश्वर ने हमे ना नाश करके अपने आप को हमारे लिए न्योछावर कर दिया.

जिससे की कोई बलिदान बाकी न रहे, और हम सिर्फ बस इतना करे अपने पापों से फिरकर अपने गुनाहों से तौबा करे, एक अच्छा जीवन जिए और आने वाले अनंत जीवन की तैयारी करे.

क्योकि सिर्फ एक ही मार्ग है, जिससे हम अपने जीवन में पाप भरी जिंदगी से छुटकारा पा सकते है,

और वो मार्ग येशु मसीह है सिर्फ|

बताना मांगता हु खुदा के लोगो, इस पाप भरे संसार में हमारे पास एक ऐसा परमेश्वर है, जो हमारी ज़िन्दगी को बहाल कर सकता है| 

केवल सिर्फ येशु मसीह ही  सच्चा और जीवित परमेश्वर है, जो की वास्तविक रूप में मनुष्य बन गया, यहाँ तक उसने हमारे पापो के लिए अपने आप को शुन्य तक कर दिया, और पिता से अलगाव सह लिया, उसने क्रूस पे हमारे लिए जान दी ताकि हम पाप रहित जीवन बिता सके, और पिता को खुश कर सके अपने जीवन से, क्युकी वो नहीं चाहता की हम पाप में पड़े पड़े अपने जीवन को नाश कर दे | 

याद रखे जब परमेश्वर पृथ्वी की रचना कर रहा था, सब को उसने बहुत से अकार दिए, पर मनुष्यो को बनाने का समय आया तोह उसने हमे अपने रूप में रचा, इसीलिए परमेश्वर पवित्र है, और वो नहीं चाहता की हम अपवित्रता का जीवन व्यतीत करे, जब हम जान रहे है की बाइबिल क्या है और उसका उद्देश्य क्या है, तोह आइये इन रास्तो पे चलने की कोशिश करे 

जैसे की हमने ऊपर जाना की नए नियम के केंद्र बिंदु येशु मसीह है, तो फिर पुराने नियम के बारे में क्या?

यदि हम पुराने नियम के बारे में जानेंगे, तोह हम पड़ेंगे की आने वाले मसीह की कई कहानियाँ, भविष्यवाणिया, आंकड़ों और भी उदाहरण के माध्यम से उल्लेख किया गया है.

जैसा की हम पुराने नियम में कही भी हम येशु मसीह नहीं पाते है, पर जो कुछ भी घटित हुआ वो सब आने कल मसीह  के लिए था.

इसीलिए इस भ्रम में न रहे की येशु मसीह सिर्फ नए नियम में ही है, पर वो पूरी बाइबिल में पाया जाता है

प्रकाशितवाक्य 22:21

प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन॥

यह नए नियम का आखिरी वचन है। यहाँ फिर से हम यीशु का नाम देखते हैं। यीशु नाम नए नियम में बोला गया पहला नाम है, और यह अंतिम भी है। नए नियम में पहला और आखिरी वचन – मत्ती 1: 1 और प्रकाशितवाक्य 22: 21-  जैसा की हम देख सकते हैं कि इसका ध्यान और मुख्य विषय अद्भुत व्यक्ति,सिर्फ यीशु मसीह ही है।

प्रकाशितवाक्य 22:21 नए नियम के आखिरी पद के लिए नहीं है। पर यह पूरी बाइबिल का आखिरी शब्द भी है। बाइबल का आखिरी शब्द प्रभु यीशु के विषय में है, न कि कई अन्य चीजों में। इसलिए नए नियम के पूरे छब्बीस पुस्तकों में, शुरू से अंत तक, यीशु मसीह ही बाइबल का विषय है। और यीशु मसीह ही इस सवाल का जवाब है कि बाइबल किस बारे में है?

मुख्य बात पर ध्यान केंद्रित करना

विश्वासियों के रूप में हमे और लोगो से और ज्यादा स्पष्ट और सामान्य विचार में अधिक होना चाहिए, की बाइबिल जो भी कहती हमारा उस पर विश्वास होना चाहिए, और उसे करने के लिए पूरी रीति से तत्पर होना चाहिए, और हमारा इस बात पर पूरा विश्वास होना चाहिए की वो इस पृथ्वी हमारे लिए मनुष्य बन गया, और हमारे पापो को अपने ऊपर लेकर हमे आज़ाद कर दिया, यहाँ तक की उसने पिता से अलगाव तक सह लिया, जो उसके लिए सबसे असहनीय था, पर येशु मसीह ने ये भी होने दिया सिर्फ इसलिए की हम अपने पापो से उद्धार पा सके!

Bible chapter list in Hindi

बाइबिल के लेखक

किताब

लेखक

मूसा

अज्ञात

एज्रा

नहेमायाह

अज्ञात

दाऊद:73
आसाप:12
कोरह के पुत्र:11
सुलैमान: 2
मूसा: 1
एथान: 1
हेमान:1 (कोरह के साथ)
अज्ञात: 50

सुलेमान: 29
अगुर:1
लेमुएल:1

सुलेमान

यशायाह

यिर्मयाह

यहेजकेल

दानिएल

होशे

योएल

आमोस

ओबदाह

योना

मीका

नहूम

हबक्कूक

सपन्याह

हाग्गै

जकर्याह

मलाकी

मत्ती

मरकुस
यूहन्ना

लूका

यूहन्ना

लूका

पौलुस

अज्ञात

याकूब(यीशु मसीह के भाई)

पतरस

यूहन्ना

यहूदा

यूहन्ना

Who has written the Bible in Hindi - Bible Ko kisne likha hai?

बाइबिल को किसने लिखा है – बाइबिल को लिखने में किसी एक लोगो का योगदान नहीं है, बल्कि इसमें बहुतेरे ऐसे परमेश्वर के सेवक है, जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी को सौंपकर परमेश्वर की प्रेरणा के द्वारा परमेश्वर के वचन को लिखा.

बाइबिल के अनुसार लगभग 40 लेखकों को बाइबिल की पत्रियो को लिखने का सौभाग्य मिला जिनमे से 30 पुराने नियम के लेखक है, और 10 नए नियम के लेखक है| बाइबिल की कुछ पुस्तके ऐसी है जिसमे एक से ज्यादा लोगो ने लिखने में अपनी भूमिका निभायी है, जैसे की दाऊद ने भजन सहिंता लिखा है पर इसमें दाऊद के साथ सुलेमान का भी योगदान है | 

पुराने नियम के लेखक

पुराने नियम में जो भी बाते संकलित की गयी थी उन्हें या तोह पहला नियम या फिर हिब्रू शास्त्र रूप में जाना जाता था, यदि आप 1000 वर्ष पीछे देखे तोह उस समय की बातो को मौखिक रूप से संवाद किया गया था, ऐसा माना जाता है की मूसा पहला लेखक हुआ जिसने बाइबिल की 5 पुस्तक को लिखा जिसे “तोरह” भी कहां जाता है | इन बाइबिल की 5 पांच पुस्तकों को लिखने में बहुत से लोगो ने सहायता की है, पर जो भी एहम हिस्से थे जैसे की वंशावली करना, कानून के नियम बनाने से लेकर सबकुछ विस्तारपूर्वक मूसा ने काम किये.

जैसे की आपको ऊपर बताया गया है, दाऊद को भजन का मुख्य लेखक माना जाता है, पर साथ ही साथ दूसरे लेखकों ने भी योगदान दिया है, दाऊद के बेटे राजा सुलेमान ने भी बहुत सारे किताबे परमेश्वर की प्रेरणा के द्वारा लिखा है, जैसी की नीतिवचन, सभोपदेशक इत्यादि।

पुराने नियम में, यशायाह, यिर्मयाह, आमोस, और भी नबियो की खुद की व्यक्तिगत बाते भी शामिल है, इनके बहुत से सन्देश, खुद के दिये हुए है, जो इन्होने सड़को पर चिल्लाये हो, या फिर यरूशलेम के मंदिर में बोले हुए हो, या फिर शाही दरबार में बोले हुए है, इन सब को समय बीतने के साथ साथ पुराने नियम में संकलित किया जाने लगा,और फिर बाद में पवित्रशास्त्र के रूप में यहूदियों ने प्राप्त किया| 

नए नियम के लेखक

नए नियम में हम बहुत सी कहानी के द्वारा शिक्षा पाते है, पौलुस और पतरस जैसे लेख नए नियम के सबसे पुराने लेखको में से एक है.

जिनके किरदार बाइबिल में पाए जाते है, उनकी ज़िन्दगी मसीह को जानने से पहले कुछ और हुआ करती थी उनके नाम पर कुछ अलग ही पहचान थी, जैसे की मत्ती वो पहले tax collector के रूप में जाना जाता था, शाऊल जो की पौलुस बना बाद में, ये पहले मसीहियों को परमेश्वर की महिमा करने के लिए सताया करते थे, सड़क पे पकड़ कर लोगो को मारा करते थे, पर एक दिन उसी राह पे परमेश्वर से एक मुलाकात हो गयी, और फिर सब कुछ बदल गया, बाइबिल में ऐसी ढेरो कहानी, जो पहले कुछ और हुआ करते थे, और बाद में क्या हुए |

Bible History in Hindi - बाइबिल एक किताब नहीं

नए नियम में ऐसी कहानियाँ, शिक्षाएँ और पत्र शामिल हैं जो पहले ईसाई चर्चों के बीच फैले थे। पौलुस और पतरस जैसे प्रेरितो के पत्र नए नियम में सबसे पुराने लेखन में से हैं। इन पत्रों को विशिष्ट स्थानों में विश्वासियों के समुदायों द्वारा जोर से पढ़ा जाना था। प्राप्तकर्ताओं ने उनके लिए इच्छित संदेश को सुनने के बाद, उन्होंने अक्सर इसे याद किया और पड़ोसी ईसाई समुदायों के साथ साझा किया।

दुनिया में ऐसे बहुत से लेखक जिनका बहुत नाम हुआ, और बहुतेरो ने अपना जीवन बदल दिया उस किताब को पढ़ के, पर यदि हम बाइबिल को भी साधारण किताब समझ रहे है तोह हम बहुत बड़ी भूल कर रहे है, क्युकी संसार की किताबे पढ़कर अपना पेट पाल सकते हो और 50-100 लोगो का जीवन इस पृथ्वी पे   बदल सकते हो, पर संसार की किताब आपके जीवन उद्धार नहीं कर सकती , वो सिर्फ एक परमेश्वर का वचन जिसे हम बाइबिल कहते है, बदल सकती है

अंतिम बात

मुझे नहीं पता की आप प्रभु में कितनी गहरायी में है, शायद आप internet की दुनिया में इस सच को ढूंढने आये है, या फिर हो सकता है की आपने हाल ही में प्रभु को ग्रहण किया है, और उसकी सच्चाई को और जान्ने आये है या फिर हो सकता है आप प्रभु में बहुत पहले से है, पर आज हम इस बात को जानने की जरुरत है, की क्या हम उसकी सच्चाई जानने के बाद भी उसके बताये हुए रास्तो पे चल रहे है?

Bible updesh या bible history को जानकार हमारे जीवन में उद्धार नहीं आने वाला है, पर उसको मानने से आएगा उसका वचन हमे बताता है, की सिर्फ

“वचन को सुनने वाले ही नहीं पर उसपे चलने वाले बनो”

FAQ

(Q)  बाइबल क्या है?

(A) बाइबिल एक परमेश्वर का जीवित वचन है, पूरी बाइबिल परमेश्वर का एक स्वरुप है, जिसे हम पढ़कर जानते है, की परमेश्वर हमसे क्या चाहते है हमारे जीवन से

(Q) यीशु मसीह के पिता का क्या नाम था?

(A) बाइबिल एक परमेश्वर का वचन है, जिसे शिक्षा के लिए, और हमारी जिंदगी के सुधार के लिए लिखा गया है, जिसे हम पढ़कर परमेश्वर के ह्रदय को जान सकते है

(Q) बाइबल कब लिखा गया?

(A) बाइबिल 1200-165 BC में लिखा गया है

(Q) बाइबिल में कितनी पुस्तक है?

(A) बाइबिल में 66 पुस्तक है

(Q) आराधना क्या है बाइबल क्या कहती है?

(A) बाइबिल के अनुसार अराधना का मतलब है समर्पण, जैसे की अब्राहम ने किया

आशा करता हु, Bible kya hai? इसके बारे में जानकर बड़ी आशीष मिली होंगी, अपने अनुभव को जरूर साझा करिये निचे comment में लिखकर और एक दूसरे से इसको शेयर करे!

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